Chandrayan 3: चंद्रयान 3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलता पूर्वक लैंडिंग करके रूस, अमेरिका, और चीन को पीछे छोड़ दिया है।

 Chandrayan 3: चंद्रयान 3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलता पूर्वक लैंडिंग करके रूस, अमेरिका, और चीन को पीछे छोड़ दिया है। और भारत का नाम पूरी दुनिया मै रोशन कर दिया है । 



Chandrayan 3 mission: चंद्रयान ने चांद पर सफलता पूर्वक लैंडिंग करके रच दिया है सारी दुनिया मै इतिहास अमेरिका, चाइना,रूस जैसे बड़े पावरफुल देश चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जाना ना मुमकिन समझते थे वह पर हिंदुस्तान ने जाने की ठान ली थी और हमारे सारे वैज्ञानिक को की मेहनत से हम वहा पर चले भी गए है । 


भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जाकर पूरी दुनिया मै भारतब्का नाम रोशन तो कर ही दिया है । और सारी दुनिया भारत की वाह वाही कर रही है । 

आखिर क्यों चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जाना ना मुंकिन मानती थी दुनिया ?

आपको बता दे की चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव पर फ्लैट जमीन नहीं है वहा पर बड़े पड़े गड्ढे और ज्वालामुखी है वहा पर सॉफ्ट लैंडिंग करना लगभग ना मुमकिन है बोहोत कम चांस है की वहा पर कोई सॉफ्ट लैंडिंग कर पाएंगे और इसी के डर से कोई भी देश चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जाने के लिए घबराता था। 


रोवर चांद पर 14 दिन तक काम करेगा क्योंकि चांद पर 14 दिन तक दिन रहेगा चांद पर हमारा रोवर उन 14 दिन मै से पहिले दिन पोहचा है । अब वो 14 दिन वहा पर चांद की जांच करेगा रोवर चांद पर जाकर हमे बताएगा की चंद्रमा पर क्या क्या चीज है चंद्रमा पर कैसे भूकंप आते है, और चंद्रमा पर कैसा वातावरण है , वहा पर कैसा तापमान है रोवर हमे बिल्कुल सटीक जानकारी भेजेगा की वहा पर इंसानों को जाने के लिए सही वातावरण है की नही और वहा पर कोई अन्य जीवन भी है या नहीं । 


रोवर पर एक शेप नाम जा डिवाइस भी लगा हुवा जो देखेगा की कोई और पृथी जैसा ग्रह है की नही गैलेक्सी मै और कोई ग्रह पर जीवन है या नही 


चन्द्रमा की मट्टी की खोज करेगा की वो कैसी है उस मिट्टी मै क्या है कितने मिनिरल्स है उस मिट्टी मै चांद कितना पुराना है । चांद पर रोशनी का पता लगाएगा चांद के वाइब्रेशन की जानकारी मिलेंगी।


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